देश में आज दिखाई दिया रमजान का चांद, 3 अप्रैल को पहला रोजा….

हर साल, दुनिया भर के मुसलमान रमज़ान के पवित्र महीने को मनाते हैं। रमजान का यह महीना चांद को देखकर निर्धारित किया जाता है।  भारत में रमजान का चांद आज यानी 2 अप्रैल शनिवार को दिखाई दिया, इसलिए यहां कल से यानी 3 अप्रैल रविवार से आरंभ होंगे। लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अमरउजाला कोइस बात की जानकारी दी। महीने भर की अवधि के दौरान जो रोजा या उपवास रखते हैं उनके लिए रमजान का महीना 2 मई को समाप्त होगा। लोग अपना पहला भोजन या सहरी करने के लिए सुबह जल्दी उठते हैं, और शाम को वे इफ्तार साथ अपना उपवास तोड़ते हैं। यह महीना सभी मुसलमानों के लिए बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। रमजान को रमदान भी कहते हैं। रमजान इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। इसे माह ए रमजान भी कहा जाता है। रमजान के महीने में रोजे (व्रत) रखने, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरान तिलावत करना शामिल है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। रमजान के दौरान रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।

रमजान के दौरान रोजा रखने के नियम
  • रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखे-प्यासे रहना नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है यानि न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा कहें।
  • इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाओं पर ठेस न पहुंचे। रमजान के महीने में कुरान पढ़ने का अलग ही महत्व होता है।
  • हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं।
  • रमजान का महत्व 
    इस बार रमजान 2 अप्रैल, शनिवार से आरंभ हो रहे हैं और यह 02 मई तक चलेगा। इस्लाम में बताया गया है कि  रखने से अल्लाह खुश होते हैं और सभी दुआएं कुबूल करते हैं।  ऐसी मान्यता है कि इस महीने की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है। चांद के दिखने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। इसी दिन पहला रोजा रखा जाता है। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है और सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
    तारीख  सहरी का समय   इफ्तार का समय
    03 अप्रैल  2022 04:48 18:43
    04 अप्रैल 2022 04:47 18:43
    05 अप्रैल 2022 04:46 18:44
    6 अप्रैल 2022 04:45 18:44
    07 अप्रैल 2022 04:43 18:45
    08 अप्रैल 2022 04:42 18:45
    09 अप्रैल 2022 04:41 18:46
    10 अप्रैल 2022 04:40 18:46
    11 अप्रैल 2022 04:38 18:47
    12 अप्रैल 2022 04:37 18:48
    13 अप्रैल 2022 04:36 18:48
    14 अप्रैल 2022 04:35 18:49
    15 अप्रैल 2022 04:33 18:49
    16 अप्रैल 2022 04:32 18:50
    17 अप्रैल 2022 04:31 18:50
    18 अप्रैल 2022 04:30 18:51
    19 अप्रैल 2022 04:28 18:52
     20 अप्रैल 2022 04:27 18:52
    21 अप्रैल 2022 04:26 18:53
    22 अप्रैल 2022 04:25 18:53
    23 अप्रैल 2022 04:24 18:54
    24 अप्रैल 2022 04:22 18:55
    25 अप्रैल 2022 04:21 18:55
    26 अप्रैल 2022 04:20 18:56
    27 अप्रैल 2022 04:19 18:56
    28 अप्रैल 2022 04:18 18:57
    29 अप्रैल 2022 04:17 18:58
    30 अप्रैल 2022 04:16 18:58
    01 मई  2022 04:15 18:59
    02 मई 2022 04:14 18:59

     

    रमजान में पांचों वक्त के नमाज का समय 
    तारीख फज्र ज़ुहर (दुहर) असर मग़रिब ईशा
    02  अप्रैल  2022 04:51 12:25 16: 54 18:40 19 :59
    03 अप्रैल  2022 04:49 12:24 16: 54 18:40 20:00
    04  अप्रैल  2022 04:48 12:24 16: 54 18:41  20:01
    05 अप्रैल  2022 04:47 12:24 16: 54 18:41  20:01
    06 अप्रैल  2022 04:46 12:24 16: 55 18:42 20:02
    07 अप्रैल  2022 04:44 12:23 16: 55 18:42 20:03
    08 अप्रैल  2022 04:43 12:23 16: 55 18:43 20:04
    09  अप्रैल  2022 04:42 12:23 16: 55 18:43 20:04
    10 अप्रैल  2022 04:40 12:22 16: 55 18:44 20:05
    11 अप्रैल 2022 04:39 12:22 16: 56 18:45 20:06
    12 अप्रैल 2022 04:38 12:22 16: 56 18:45 20:06
    13 अप्रैल 2022 04:37 12:22 16: 56 18:46 20:07
    14 अप्रैल 2022 04:35 12:21 16: 56 18:46 20:08
    15 अप्रैल 2022 04:34 12:21 16: 57 18:47 20:09
    16 अप्रैल 2022 04:33 12:21 16: 57 18:47 20:10
    17 अप्रैल 2022 04:32 12:21 16: 57 18:48 20:10
    18 अप्रैल 2022 04:30 12:20 16: 57 18:49 20:11
    19 अप्रैल 2022 04:29 12:20 16: 57 18:49 20:12
    20 अप्रैल 2022 04:28 12:20 16: 58 18:50 20:13
    21  अप्रैल 2022 04:27 12:20 16: 58 18:50 20:13
    22  अप्रैल 2022 04:26 12:20 16: 58 18:51 20:14
    23   अप्रैल 2022 04:24 12:19 16: 58 18:51 20:15
    24   अप्रैल 2022 04:23 12:19 16: 59 18:52 20:16
    25  अप्रैल 2022 04:22 12:19 16: 59 18:53 20:17
    26  अप्रैल 2022 04:21 12:19 16: 59 18:53 20:17
    27  अप्रैल 2022 04:20 12:19 16: 59 18:54 20:18
    28  अप्रैल 2022 04:19 12:19 17:00 18:54 20:19
    29  अप्रैल 2022 04:18 12:18 17:00 18:55 20:20
    30 अप्रैल 2022 04:16 12:18 17:00 18:56 20:21
    1 मई 2022 04:15 12:18 17:00 18:56 20:22

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